दिल्ली में मोमो की चटनी का राजनीतिकरण!

राजधानी दिल्ली में लोग छोटी छोटी बातों पर आपा खो रहे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के नोएडा के सीमावर्ती इलाके दल्लूपुरा का है जहाँ एक दुकानदार ने अपने ग्राहक को मोमो की चटनी माँगने पर सूत दिया। जिस राज्य का मुख्यमंत्री खुद एक कुंठाग्रस्त अभियंता(फ्रस्ट्रेटेड इंजीनियर) हो वहाँ की जनता से और कुछ अपेक्षा भी नहीं करी जा सकती। इसमें गलती जनता की नहीं स्वयं मंत्री जी की है जो वो उन्हें एक सुखदायक जिंदगी नहीं दे पा रहे है।

बीती शाम राजधानी दिल्ली में इस खभर ने इस तरह आग पकड़ी की स्वयं अरविंद केजरीवाल भी भौचक्के रह गए। उन्हें कुमार विश्वास नहीं हो रहा था कि कैसे बिना उनकी हरकत के कोई आग इतनी भयंकर फैल सकती है। दरअसल, मामला कुछ ऐसा था कि दल्लूपुरा में किराए के मकान में रहने वाले डोगु सिन्हा ने नौकरी से देर में छुट्टी मिलने के कारण रात का खाना बाहर किसी दुकान पर करने का विचार बनाया। इसके तहत उसने "पंडित बुड्ढे की दुकान" पर जाने का विचार बनाया जो कि  रात्रि १२ बजे तक खुली रहती है। वहाँ पहुँचने पर डोगु ने चार प्लेट मोमो मंगाए। मोमो आते ही डोगु ने उस पर ऐसे झपट्टा मारा जैसे कांग्रेस वाले घोटालो पर और वामपंथ वाले जे.एन.यू पर मारते है। एक भूखे डोगु ने ना आव देखा ना ताव बस दे धपा धप चटनी के साथ मोमो का स्वाद लेने लगा।

रात के समय में चटनी कम होने के कारण दुकानदार ने उसे बताया कि चटनी कम है, थोड़ा सम्भल कर इस्तेमाल करे परंतु भूखा डोगु भूख के कारण कुछ न सुन सका। उसने चार प्लेट की चटनी तीन प्लेट में ही खत्म कर दी और उसके बाद और चटनी की मांग करी। यह सुन कर अब तक खिन्न हो चुके दुकानदार ने जा कर डोगु के कान पर दो चांटे टिका दिए। यह देख जो लोग वहाँ पर आई.पी.एल की पुनरावृत्ति देख रहे थे उन लोगो ने इस रोमांचक लड़ाई की दर्शक दीर्घा बनने का निश्चय किया। दूसरी तरफ, दुकानदार अपने ग्राहक को कुछ इस कदर पीट रहा था कि लोगो को धोनी की पारियाँ याद आ गयी।

रोमांचित जनता, दुकानदार के समर्थन में नारे लगा रही थी (आखिर अगला मैच भी वहीं देखना था) -

"जिसने माँगी चटनी, उसको दो पटकनी।"

पड़ोस से गुज़र रहे एक नोएडावासी ने तुरंत ही पुलिस को फ़ोन लगाया और इस घटना की सूचना दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और चटनी खत्म होने का कारण पता लगाने का विश्वास दिलाया है।

वहीं राजनैतिक गलियारों में इसे जातिवाद का रूप देने की कोशिश जारी है। कई दलो ने दुकान को भाजपा से जुड़ा होने की बात आगे रखी है। चूँकि डोगु एक दलित था उसे अगला रोहित वेमुला बनाने की कोशिश चल रही है। बहरहाल केजरीवाल जी ने डोगु जी को सरकारी नौकरी देने का वायदा करा है(जो कि दिल्ली में पाँच सौ विद्यालय बनने के बाद ही पूरा होगा)।

Comments

Popular posts from this blog

Science vis-a-vis India

Pakistan prepares for the Champions Trophy final!

Mann ki baat : PM on Marijuana legalisation