यू.पी में विद्यालयो की रंगत बदलने के लिए योगी जी ने लगवाए दीवारों पर अध्यापको के चित्र।

गोरखपुर : हाल ही में उत्तर प्रदेश के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्यापको की तस्वीर को दीवारो पर चस्पा करने का आदेश दिया। सरकार के बयान के अनुसार इस कदम के पीछे अध्यापको की परोक्ष उपस्तिथि(प्रॉक्सी) को कम करना का है। सरकार के हवाले से यह खभर मिली है कि अब उपस्तिथि पंजिका(अटेंडेंस रजिस्टर) के साथ साथ छात्रों से भी अध्यापको के चित्र दिखाकर पता करा जाएगा कि कोई अध्यापक विद्यालय आकर उन्हें पढ़ा रहें है या नहीं। इस कदम के तहत विद्यालयों में पढ़ाई और ज्ञान के गिरते स्तर को निशाना बनाया जाने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री जी ने पदभार संभालने के कुछ दिन बाद ही पढ़ाई की गुणवत्ता को सुधारने की बात करी थी।

देर शाम जब हमारे संवाददाता को यह खभर पता चली तो हमने इस खभर कि पुष्टि अथवा असली कारण पता करने की ठानी और गोरखनाथ मठ के लिए रवाना हो गए। अगले दिन वहाँ पहुंचने पर हमारी मंडली सुश्री वैजंती जी से मिलने गयी। वैजंती जी उस मठ की सबसे पुरानी गाय है। मंत्री जी अक्सर इनसे बात करते है और अपने निर्णय लेते है। हम सबने उन्हें चरणस्पर्श किया और अपने सवाल जवाब का कारवां शुरू करा।

हमारी बातचीत में यह खुलासा हुआ कि योगी जी असली में अध्यापको की परोक्ष उपस्तिथि नहीं अपितु विद्यालयों की दीवार पर गिरने वाली गुटके की पीक को रोकना चाहते थे। दरअसल सरकारी विद्यालयो के अध्यापक कानपुर से बड़े प्रभावित रहते है और कानपुरियों की तरह पीक भी मारते है। कई बार दीवारों पर पुताई कराने के कारण सरकार का राजस्व कम होने लगा था इसीलिए योगी जी ने यह अद्वितीय तरीका खोजा। अब अध्यापक गण भी दीवार पर थूकने से पहले अपने चेहरे के बारे में सोचेंगे। इसी बहाने दीवार भी साफ रहेगी और उनकी उपस्तिथि भी शत प्रतिशत होगी। 

इसके विरोध में अध्यापको ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना देने का विचार बनाया है। उनका कहना है कि विद्यालय आना या ना आना उनका व्यक्तिगत मामला है और सरकार को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। सरकार को सिर्फ उपस्तिथि पंजिका(अटेंडेंस रजिस्टर) देखने और तनख्वाह देने से मतलब होना चाहिए।

वहीं दूसरी तरफ राजनैतिक दल इस तरीके को गलत साबित करने के लिए छात्रों को पान खाना एवं पीक मारना सिखा रहे है। खभर मिली है कि इस योजना का नाम 'समाजवादी-हाथी पीक योजना' रखा गया है। इसके तहत बच्चे मास्टर जी के चित्र पर पीक मारेंगे और राजनैतिक दल इसे योगी सरकार की कमी के तौर पर पेश करेंगे। विडम्बना यह है कि आगे जा कर यही छात्र इन्ही विद्यालयो के अध्यापक बनेंगे।

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